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गीतांजलि ग्रुप ने गीतों से दी लता को संगीतांजलि

ByLalit Chavhan

Feb 13, 2022

देवास। महान पार्श्व गायिका, भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर का हाल ही में निधन हो जाने से संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एक बहुत बड़ी क्षति हुई है। लता मंगेशकर का भारतीय फिल्म जगत में लगभग 30 हजार से अधिक गाये गए हिंदी मराठी गीतों एवम भजनों का बड़ा योगदान था जिसे भुला पाना संभव नहीं। इसी कड़ी में देवास के ख्यात सिंगिंग ग्रुप गीतांजलि सिंगिंग ग्रुप द्वारा उन्हें याद करते हुए चुनिंदा गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि स्वरूप संगीतांजलि कार्यक्रम का आयोजन 12 फरवरी को शहर के मध्य सयाजी द्वार पर आयोजित किया गया।  श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत शहर के ख्यात विद्यालय संचालक चरंजीत अरोड़ा एवम ख्यात् राष्ट्रीय कवि शशिकांत यादव द्वारा लता के चित्र पर पुष्पहार अर्पित कर किया गया। इसके पश्चात् संगीतांजलि के अंतर्गत ग्रुप के सदस्यों दीपक कर्पे, मंदार मुले, उदय टाकालकर, स्नेहमंजिरि भागवत, जितेंद्र शुक्ला, शर्मिला शुक्ला, डा. ललित शुक्ला, दिलीप तिलक, डा जुगल किशोर, सुलोचना बेलापुरकर, भूपेंद्र माली एवम शहर के ख्यात गायक (मिनी महेंद्र कपूर) देवेंद्र पंडित द्वारा लता के एक से बढ़कर एक गीत – ए मालिक तेरे बंदे हम, नाम गुम जायेगा, अजी रूठकर अब, गर तुम भुला ना दोगे, नैनो में बदरा छाए, जाना था हमसे दूर, ये जीवन हैं इस जीवन का की शानदार प्रस्तुति देकर अंत में ए मेरे वतन के लोगों गीत को सामूहिक रूप से प्रस्तुत कर लता दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर ग्रुप के अरविंदर खनुजा, रीनु खनूजा, रंजना चव्हान, मेघा टाकलकर, पल्लवी मुले, उज्वाला कर्पे, निधि भंडारे, रोहित टाकलकर, कृतिका टाकलकर, ममता, प्रवीण पाटनकर, कमलजीत सिंह, मनोज दुबे, मनीष उपाध्याय, रेणुका राठौर, दुर्गेश यादव, एवम शहरभर से संगीत प्रेमी संजय सरल, रमेश भवसार,अरुण कोर्डे, राजू मारवाडी, विवेक ढवले, शकील कादरी सहित कई जनमानस ने उपस्थित होकर लता जी को पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन दीपक कर्पे ने किया एवम आभार उदय टाकलकर ने व्यक्त किया।