नगर निगम देवास की आर्थिक रूप से दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है, ऐसे में निगम के द्वारा आय बढ़ाने के लिए रहवासी क्षेत्रों का संपत्ति कर संकल्प पारित कर बढ़ा दिया गया ,लेकिन औद्योगिक इकाइयों का संपत्ति कर जो पुराने दर से उसी दर से लिया जा रहा है, देवास मध्य प्रदेश का महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों होने के कारण यहां कई औद्योगिक इकाइयां नगर निगम के बड़े क्षेत्र पर कार्यरत हैं जहां पर औद्योगिक इकाइयां स्थापित होती है उस शहर का विकास देखने लायक होता है क्योंकि औद्योगिक क्षेत्र से अत्यधिक संपत्ति का प्राप्त होता है जो विकास कार्यों का खर्च होता है ,लेकिन देवास नगर निगम अन्य शहरों की अपेक्षा औद्योगिक इकाइयों से बहुत ही कम संपत्ति कर पुरानी दरों पर वसूल रही है, और उसका आर्थिक भार रहवासियों पर संपत्ति कर बड़ा कर डाला जा रहा है जो कि गलत है, कोरोना के कारण कई लोग आर्थिक मार झेल रहे हैं ऐसे में उन पर संपत्ति कर बढ़ाना और औद्योगिक इकाइयों पर पुरानी कम दरों पर संपत्ति कर वसूल कर उन्हें राहत देना आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति के साथ एक मजाक की तरह है, होना तो यह चाहिए था की औद्योगिक इकाइयों पर संपत्ति कर बढ़ाया जाता ओर आम जनता को इससे थोड़ी राहत दी जानी चाहिए थी, लेकिन इसका उल्टा होना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है, ओर चिंतन का विषय यह भी है कि इस विषय पर राजनीतिक दलों के सारे जनप्रतिनिधि मोन है
आर्थिक रूप से कमजोर निगम पुनः करें इकाइयों का कर निर्धारण
