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गणेश उत्सव से प्रारंभ होने वाली त्योहारों की सतत श्रंखला दीपोत्सव पर समाप्त होती है। वैसे तो सनातन धर्म में हर दिन ही त्योहार है, लेकिन गणेश उत्सव से लगाकर दीपोत्सव तक सनातन धर्मावलंबी अपने त्योहार सामूहिक और सार्वजनिक रूप से मनाते हैं। इसमें देवास के लिए नव दुर्गा उत्सव बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि देवास में मां चामुंडा और मां तुलजा भवानी का वास है। दूर-दूर से दर्शनार्थियों का आना होता है और प्रशासन को दम मारने की फुर्सत नहीं मिलती है। त्योहारों की श्रंखला पर प्रशासन ने जिम्मेदारियों का निर्वाह गंभीरता पूर्वक किया है। जिला प्रशासन, निगम प्रशासन, पुलिस प्रशासन ने संवेदनशील बनकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखी, त्योहार मनाने वाले तथा आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधाओं का ध्यान रखा, जिसके लिए प्रशासनिक अमले के छोटे से छोटे कर्मचारी तक का डीएलसी पोर्टल की ओर से आभार।उन वरिष्ठाधिकारियों का आभार, जिन्होंने योग्यतम नीति-कार्यक्रम बनाएं एवं उन पर अमल करवाया। आभार की इसी श्रृंखला में शहर में सक्रिय उन सामाजिक संस्थाओं का भी आभार, जिन्होंने प्रशासन के कंधे से कंधा मिलाकर त्योहार संपन्न कराने में सहयोग प्रदान किया तथा गरीब जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर त्योहार मनाए और त्योहार की खुशियां वंचितों तक भी पहुंचाई। डीएलसी पोर्टल की ओर से सभी का आभार, शुभकामनाएं और बधाई।