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वाल्मिकी समाज के सफाईकर्मियों की आजीविका के लिए लिखा राष्ट्रपति को पत्र

ByLalit Chavhan

Sep 4, 2020

वाल्मिकी समाज के सफाईकर्मियों की आजीविका के लिए लिखा राष्ट्रपति को पत्र
देवास। नगर पालिक निगम एवं पंचायत कर्मचारी संघ (सम्बद्ध भामस) के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र रांगवे ने वाल्मिकी समाज के सफाई कर्मचारियों की आजीविका के  संबंध में राष्ट्रपति के नाम एक प्रार्थना पत्र लिखा। जिसमें बताया गया कि वर्तमान स्थति को देखते हुए पूरे देश में वाल्मिकी जाति के सभी मजदूर एवं कर्मचारी विगत कई वर्षो से एवं पीढिय़ों से सफाई के कार्य में लगे हुए है परंतु उनकी आजीविका के लिए उन्हें सही वेतनमान एवं मजदूरी प्राप्त नहीं हो रही है, जिससे उनकेे परिवार के जीवन यापन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या एक परिवार या एक नगरीय निकाय की नहीं है वरन पूरे भारत देश में संचालित सभी नगरीय निकाय एवं सफाई के कार्य में लगे सभी परिवार एवं कर्मचारियों की है जिनकी हालत बद से बदतर है। इस पर किसी भी जनप्रतिनिधि एवं किसी भी प्रशासक या शासन व सत्ता में बैठे हुए किसी भी नुमाईंदे ने इस समाज की पीड़ा को नहीं समझा आज भी वेतन या मजदूरी के रूप में 5 या 10 हजार रूपये मासिक से ज्यादा कुछ नहीं मिलता। इस महंगाई के दौर में इतनी मजदूरी में इन लोगों के परिवारो का संचालन ठीक से नहीं हो पाता है, क्या खाएंगे, क्या बच्चों को पढ़ाएंगे और क्या त्यौहार मनाएंगे। उपर से राज्य सरकारों ने ठेका पद्धति लगाकर विनियिमितिकरण करके उलटा दोहन किया है। शासन के मापदंडों के अनुसार किसी भी प्रकार का वेतनमान पे स्केलइनकी आजीविका के संबंध में लागू नहीं किया गया है और ना ही इनकेे बच्चों के संबंध में शासन ने कभी इनके हित में निर्णय पारित नहीं किए है। युवा बेरोजगार होकर दर दर भटक रहे हैं आखिर यह समस्या बताए तो किसे बताएं। नगर पालिक निगम एवं पंचायत कर्मचारी संघ नेे मांग की है कि सफाई के कार्य में लगे हुए सभी कर्मचारियों एवं परिवारों की हालत को देखते हुए इनकी आजीविका के संबंध में कोई हितकारी निर्णय प्रधानमंत्री, सांसद के माध्यम से पारित करवाकर पूरे देश में लागू किए जाने का आदेश प्रदान करने का निर्णय लिया जाए, जिससे कि सफाई कर्मियों एवं उनके परिवार का उद्धार हो सके।