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महापौर के द्वारा आखिर क्यों शासकीय संस्थाओं हेतु तय दर की मांग ना करते हुए। औद्योगिक दर के समान दर की मांग की गई।

ByLalit Chavhan

Aug 11, 2024

देवास। पिछले दिनों 6 अगस्त को, प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय मोहन यादव जी, देवास में आयोजित कार्यक्रमों भाग लेने के लिए देवास आए थे, इस दौरान देवास महापौर श्रीमती गीता अग्रवाल के द्वारा, नगर एवं निगम से संबंधित 6 मांगो का पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी को उनके द्वारा दिया गया था।

महापौर के द्वारा मुख्यमंत्री जी को दिए गए पत्र में बिं. क्र. एक पर अंकित मांग।

महापौर के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को दिए गए पत्र में जो मांग की गई है। वह इस प्रकार है, एनव्डीडीए द्वारा नगर पालिका निगम देवास को पेयजल हेतु जो पानी दिया जाता है, उक्त दर औद्योगिक क्षेत्र देवास को दिए जाने वाले पानी की दर से अधिक है, दोनों की दरों को सामान किया जाने के निर्देश एवं नगर  निगम देवास पर एनव्डीडीए द्वारा जो अधिभार लगाया गया है उसे माफ करने के निर्देश दिए जाने बाबत महापौर के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया था।

निगम देवास एवं औद्योगिक क्षेत्र में जल वितरित करने वाली निजी संस्था को इस दर पर मिल रहा है पानी।

निगम देवास को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भोपाल द्वारा स्वीकृत प्रचलित दर ₹22.60 पैसे प्रति हजार लीटर के हिसाब से बिलिंग किया जा रहा है। वहीं औद्योगिक इकाइयों को पानी वितरित करने वाली निजी संस्था देवास वाटर प्रोजेक्ट को कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग के द्वारा वर्ष 2024के अप्रैल माह के बिलिंग के आधार पर₹10.46पैसे के दर से शायद बिलिंग दिया जा रहा है।

मध्य प्रदेश शासन जल संसाधन विभाग के द्वारा नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत को घरेलू उपयोग एवं पर जल के लिए तय की गई दरें।

मध्य प्रदेश शासन के जल संसाधन विभाग के आदेश क्रमांक 29/ 31/ 99 दिनांक 14/01 / 2000 द्वारा पेयजल प्रयोजन के लिए नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत को घरेलू उपयोग एवं  जल के लिए विभागीय जल स्रोत से जल पूर्ति की दरें निर्धारित की गई है। शासन के जल संसाधन विभाग के तय दर अनुसार नगर पालिक निगम देवास को यह पानी 20 पैसे प्रति घन मीटर हिसाब से मिलना चाहिए प्रतिवर्ष तय दर में 0.2 दो पैसे की वृद्धि होगी।

शासन के द्वारा निगम हेतु तय दर पर मांग ना करते हुए औद्योगिक क्षेत्र हेतु तय दर के समान दर की मांग क्यों कर रही है महापौर।

देवास महापौर श्रीमती गीता अग्रवाल के द्वारा मुख्यमंत्री जी से आखिर शासन के द्वारा निगम हेतु तय दर पर पानी लेने की मांग क्यों नहीं की गई। औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों को जो जल वितरन करने वाली निजी संस्था के द्वारा व्यावसायिक रूप से पानी वितरित किया जा रहा है। वहीं निजी संस्था जिस दर पर पानी ले रही है। उससे कहीं अधिक दर पर औद्योगिक इकाइयों को पानी बेचकर मुनाफा कमा रही है। जबकि निगम देवास नगर में (नो प्रॉफिट नो लॉस) के आधार पर अभी वर्तमान में नगर के आमजन को पानी वितरित कर रही है। इस हेतु महापौर द्वारा शासन के तय किए गए दरों पर निगम को पानी मिले, यह मांग मुख्यमंत्री जी से करना चाहिए थी। लेकिन उनके द्वारा औद्योगिक क्षेत्र हेतु तय किए गए दरों, समान निगम के दर हो, यह मांग की गई। वही अब इस तरीके की मांग उनके द्वारा क्यों की गई। यह नगर सरकार के अन्य सदस्यों एवं नगर को बताना चाहिए ।

निगम प्रशासन के द्वारा शासन के साथ किए जा रहे पत्र व्यवहार।

निगम प्रशासन निगम देवास को कार्यपालन यंत्री नर्मदा संभाग क्रमांक 32, की तरफ से मिले पानी के बिलों के दरों को लेकर शासन स्तर पर जो पत्र व्यवहार कर रहा है। उन पत्रों में भी जल संसाधन विभाग के द्वारा निगम के लिए तय की गई दरों को आधार बनाकर पत्र व्यवहार किया जा रहा है। 

निगम देवास पर बकाया बिल।

नगर पालिका निगम देवास को कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 32 ,के द्वारा जो पानी का बिल दिया गया है वह तकरीबन 530 करोड़ से अधिक का है। वह बिल ₹22.60 पैसे प्रति हजार लीटर के दर से दिया गया है। 

 इस विषय पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्री मनोज राजानी कहना है।

इस विषय पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्री मनोज राजानी से जब चर्चा की गई, तो उनके द्वारा कहा गया की आर्थिक रूप से कमजोर निगम को जल संसाधन के द्वारा तय की गई दरों पर पानी मिलना चाहिए। ना की उद्योगों हेतु तय की गई दरों पर।

इस विषय पर महापौर जी से चर्चा करने के लिए संपर्क किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।