देवास। देवास औद्योगिक नगरी के रूप में प्रदेश में एक विशेष पहचान रखता है, जहां भी औद्योगिक इकाइयां स्थापित होती है, वहां पर पर्यावरण को निश्चित रूप से क्षति पहुंचती है ,विशेष कर (वाटर पोल्यूटेड इंडस्ट्रीज) जलीय प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों से , अतःउक्त संबंधित इकाइयों को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।
जलीय प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को ईटीपी डालना जरूरी है।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों अनुसार अगर कोई औद्योगिक इकाई पानी से संबंधित या अधिक पानी का उपयोग करती है और उससे जलीय प्रदूषण की संभावनाएं है तो नियम अनुसार उक्त इकाई को उपयोग कर रहे पानी की क्षमता अनुसार अपने परिसर में(ETP) एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र की स्थापना करना जरूरी है ,और उक्त इकाई अपने परिसर में किस चीज को विकसित कर रही है या पानी का उपयोग किस चीज को बनाने के लिए कर रही है उस दूषित पानी के प्रवृत्ति के हिसाब से उसे ईटीपी में ट्रीटमेंट कर साफ करना है एवं उस पानी को दोबारा उपयोग करना है जैसे अपने परिसर में पौधे उद्यान आदि के उपयोग में उस पानी को लेना है, नियमानुसार उक्त इकाई अपना पानी परिसर के बाहर नहीं फेक सकती है।
कितनी इकाइयों ने ईटीपी/एसटीपी संयंत्र स्थापित किए हैं।
देवास इंदौर रोड औद्योगिक क्षेत्र मैं कई औद्योगिक इकाइयों के द्वारा उपयोग किया जा रहे पानी की क्षमता के अनुसार ईटीपी संयंत्र स्थापित किए हैं ,जिनकी संख्या दिनांक 02/08/2023 को संबंधित विभाग के द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार इस प्रकार है, औद्योगिक क्षेत्र क्रमांक 1 में सत्रह(17) औद्योगिक इकाइयों ने ETP संयंत्र स्थापित किए हैं, वही तीन(3)औद्योगिक इकाइयों ने ETP CUM STP संयंत्र स्थापित किए है, एवं एक(1) इकाई ने STP संयंत्र स्थापित किया है ,इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र क्रमांक 2 में नो(9) औद्योगिक इकाइयों के द्वारा ईटीपी संयंत्र स्थापित किए हैं, इसी तरह एक (1) इकाई के द्वारा ETP AND STP संयंत्र स्थापित किया गया है, एवं औद्योगिक क्षेत्र क्रमांक 3 में बाराह (12) औद्योगिक इकाइयों ने ETP संयंत्र स्थापित किया है ,एवं तीन(3) इकाइयों के द्वारा ETP AND STP संयंत्र की स्थापना की है।