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विद्यालयों का शैक्षणिक नया सत्र अगले महा शुरू होगा। पुस्तक विक्रेताओं का एकाधिकार ना हो।

ByLalit Chavhan

Mar 2, 2024

विद्यालयों का शैक्षणिक नया सत्र शुरू होने में एक माह बाकी है। और नियम अनुसार एक महापूर्वा ही अशासकीय विद्यालयों द्वारा  पाठ्य पुस्तकों की सूची जारी कर देनी चाहिए। ताकि पालकों को और विद्यार्थियों को असुविधा न हो। लेकिन अमुमन देखने में यह आया है। कि अशासकीय विद्यालयों द्वारा नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के मात्र कुछ दिन पूर्व ही। नए सत्र के पाठ्य पुस्तकों किताबों की लिस्ट जारी करते है। इसकी वजह से पालक परेशान होते हैं और उनके मन में अशासकीय विद्यालय और पुस्तक विक्रेता की साथ गांठ का  संदेह उत्पन्न होता है। क्योंकि  अशासकीय विद्यालयों। द्वारा जारी की गई लिस्ट की किताबें चुनिंदा पुस्तक विक्रेताओं के यहां ही मिलती है। जबकि सभी पुस्तक विक्रेताओं के यहां उपलब्ध होना चाहिए। कम समय के कारण उपभोक्ता किताबों के अन्य विक्रेताओं को ढूंढ भी नहीं पाता है। और यह किताबें अक्सर बहुत महंगी होती है। किताबों पर अंकित दरों पर ही कुछ किताब विक्रेताओं के द्वारा बेंच दी जाती है? और विद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को पुस्तक प्रकाशो का अधिक विकल्प भी नहीं मिल पाता है। जबकि शासन के द्वारा इसके लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। वही संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी भी समय समय पर इससे संबंधित सूचना पत्र जारी करते हैं। संबंधित अधिकारियों को की अशासकीय विद्यालयों के द्वारा नए सत्र के पाठ्य पुस्तकों की सूची शिक्षा विभाग के संबंधित विभागों एवं स्टेशनरी विक्रेता एसोसिएशन को भी विद्यालयों के नए सत्र शुरू होने से पहले जारी करने हेतु अनुरोध किया जाता है। ताकि एकाधिकार व्यापार के कारण पालकों का शोषण ना हो। एवं पुस्तकों की उपलब्धता मैं भी कोई समस्या ना हो। शायद जिला शिक्षा विभाग की ओर से इस वर्ष भी संबंधित विभागों को पत्र जारी कर दिया गया होगा? आशासकीय विद्यालय या पुस्तक विक्रेता किसी एक प्रकाशक की ही पुस्तक खरीदने के लिए छात्र छात्राओं को बाध्य नहीं कर सकते है विद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को पुस्तक विक्रेताओं के यहां अन्य पुस्तक प्रकाशकों का भी विकल्प उपलब्ध होना चाहिए।