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टकराव की स्थिति का मुख्य कारण क्या?

ByLalit Chavhan

Feb 7, 2024

देवास। निगम देवास बुरे माली हालत से गुजर रही हैं। जिसका तनाव निगम अधिकारियों,कर्मचारी एवं नगर सरकार के जनप्रतिनिधियों पर स्पष्ट दिखने लगा है। अभी हाल ही के कुछ महीनो में निगम जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच कई बार बार तीखी नोंकझोंक एवं हातपाई की नौबत तक आ गई थी। आज निगम में चल रही महापौर जनसुनवाई के बीच वार्ड क्रमांक 3 की पार्षद श्रीमती बिंदेश्वरी वर्मा,पार्षद प्रतिनिधि श्री राज वर्मा इन दोनों की निगम के स्वास्थ्य अधिकारी श्री जितेन्द्र सिसोदिया के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई। वार्ड के किसी कार्य को लेकर? इस बात को लेकर निगम अधिकारी एवं कर्मचारी लाम बंद होकर निगम के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ नारेबाजी करने लगे पार्षद के खिलाफ। अब सवाल यह उठता है कि बार-बार निगम अधिकारीयों एवं जनप्रतिनिधियों के बीच इस तरह की स्थिति निर्मित होना इस बात की ओर इशारा करती है कि निगम अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय की कमी है। क्योंकि वार्ड के पार्षदों के ऊपर मतदाताओं का दबाव होता है। मूलभूत सुविधा के लिए वही पार्षदों के द्वारा वार्ड के काम करने हेतु अधिकारियों को कहा जाता है। कुछ वार्डों में कार्य हो जाते और कुछ में नहीं होते हैं।अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधि एवं प्रतिनिधियों को अपनी समस्या बताते हैं। कुल मिलाकर निगम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से कहीं ना कहीं विकास कार्य भी प्रभावित हुए हैं? निगम सीमा के अंदर इसकी वजह से भी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों के ऊपर नागरिकों का दबाव होता है। ऐसी स्थिति में निगम अधिकारियों एवं नगर सरकार के जनप्रतिनिधियों को आपसी सामंजस्य बिठाकर चलना चाहिए। और समस्याओं का निराकरण शांति के साथ करना चाहिए। जिससे कि निगम प्रशासन एवं नगर सरकार की छवि आम लोगों के बीच धूमिल ना हो। इन समस्याओं के मूल में निगम की आर्थिक स्थिति का खराब होना है। क्योंकि जनप्रतिनिधि काम करना चाहते हैं। निगम प्रशासन भी कार्य करना चाहता है। लेकिन फंड की कमी की वजह से वह कार्य करने में बांधा होती हैं। और टकराव की स्थिति निर्मित होती है। निगम की माली हालत सुधारने हेतु। आय के नए स्रोतों की खोज होना चाहिए।