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राज्य शासन के मनाही के बावजूद प्राथमिक कक्षाओं के छात्र छात्राओं को क्यों दिया जा रहा है होमवर्क निजी शालाओं द्वारा

ByLalit Chavhan

Aug 27, 2020

वर्तमान में कोविड-19 के परिस्थितियों के फल स्वरूप अकादमिक सत्र मैं उत्पन्न हुए अवरोध की वजह से राज्य शासन के द्वारा शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्राथमिक (कक्षा 1 से 5) तक ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन पूर्णता प्रतिबंधित रहेगा उसके बावजूद अशासकीय स्कूलों के द्वारा कक्षा पहली से पांचवी तक छात्र छात्राओं को शिक्षण सामग्री जैसे पीडीएफ फाइल या यूट्यूब की लिंक डाली जा रही है और कहा जा रहा है कि घर पर आप होमवर्क करिए इसी तरह माध्यमिक (कक्षा 6से 8) तक राज्य शासन के आदेश अनुसार ऑनलाइन कक्षाओं का समय निर्धारित किया गया है जैसे प्रतिदिन 2 सत्र अधिकतम 30 मिनट से 45 मिनट तक प्रति सत्र उसके बावजूद कुछ और अशासकीय स्कूल द्वारा अधिक समय तक ऑनलाइन क्लासेस ली जा रही है राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद कुछ अशासकीय स्कूल संचालक इन आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं जिला प्रशासन एवं जिला शिक्षा विभाग ने इस ओर ध्यान देना चाहिए

पालकों की समस्याएं

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कई परिवार छात्र-छात्राओं के पास डिजिटल डिवाइस अथवा डाटा रिचार्ज की समस्या से सामना करना पड़ रहा है उसके बावजूद निजी शालाओं द्वारा लंबे समय तक ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही है दूरस्थ शिक्षा विशेषकर मोबाइल लैपटॉप कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं से कम आयु वर्ग के बच्चों में संभावित दुष्प्रभाव तथा उनके अभिभावकों के लिए उत्पन्न हो रही कठिनाइयों के दृष्टिगत शासन के द्वारा आदेश दिया गया होगा उसके बावजूद निजी शालाओं द्वारा शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाना चिंतन का विषय है