HR

किस के संरक्षण में देवास ब्रिज निर्माण कंपनियां नियमों को ताक पर रखकर ब्रिज का निर्माण कर रही

ByLalit Chavhan

Jan 17, 2022

देवास मक्सी रोड ब्रिज जब से बनना चालू हुआ है तभी से विवादों में घिरा हुआ है, क्योंकि ब्रिज निर्माण कुछ नियमों को ताक पर रखकर हो रहा है, ब्रिज निर्माण से पूर्व वैकल्पिक मार्ग का निर्माण अत्यावश्यक हे, जिससे कि आवागमन सुगम बना रहे, लेकिन ब्रिज निर्माण करने वाली कंपनी ने इसे लगभग अनदेखा किया, जिससे आए दिन वहां यातायात प्रभावित रहता है और दुर्घटनाएं भी होती रहती है, उसी प्रकार जब ब्रिज का निर्माण होता हे तो निर्माणाधीन स्थान को आवरण से घेरा जाता है ताकि निर्माण द्वारा गिरने वाले मलबे से कोई दुर्घटना घटित ना हो लेकिन जिस प्रकार खुले में निर्माण हो रहा है इससे धूल मिट्टी और सीमेंट उड़ती रहती है ,जो राहगीरों के आंखों में जाती है और सामने देखने मे दुविधा उत्पन्न होती है जिससे दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है, जिस क्षेत्र में ब्रिज निर्माण का कार्य चल रहा होता हे वहां उत्तम क्वालिटी 3एम के रेडियम संकेतक के रूप में लगाए होने चाहिए जिससे कि रात में निकलने वाले राहगीरों को वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे इससे दुर्घटना से बचाव में मदद मिलती है ,लेकिन ब्रिज निर्माण करने वाली कंपनी ने घटिया स्तर के रेडियम इस्तेमाल की हे ,जिससे कि वह स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते और दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है, उसी प्रकार इंदौर रोड पर बनने वाले ब्रिज में भी नियमों को ताक पर रखा गया है बीच रोड पर नलकूप का खनन कर लाखों लीटर पानी प्रतिदिन निकाला जा रहा है जिससे आसपास के कालोनियों के वाटर लेवल पर असर पड़ सकता है और जो कि नियमों के बिल्कुल विपरीत है, इस प्रकार से निर्माणाधीन ब्रिज वाली जगह पर ही बोरिंग लगाकर पानी नहीं निकाला जा सकता, इस हेतु नगर निगम से बकायदा परमिशन लेनी होती हे या अन्य स्त्रोतों से पानी की पूर्ति की जा सकती है
अचरज की बात यह है कि जनप्रतिनिधि भी इस बात से अनजान है या जानबूझकर आंखें मूंदे है,
जो भी हो प्रशासन को दोनों ब्रिज में होने वाली लापरवाही को संज्ञान में लेकर तुरंत दुरुस्त करना चाहिए