जैसा कि सब जानते हैं कि शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार कोई भी शासकीय कर्मचारी एक ही स्थान पर वर्षों तक जमा नहीं रह सकता, इस हेतु शासन ने स्थानांतरण नीति बनाई है ,लेकिन देवास के मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्रीय कार्यालय ने स्थानांतरण नीति को मजाक बना रखा है ,देवास क्षेत्रीय कार्यालय के दिलीप केसरे कनिष्ठ वैज्ञानिक तकरीबन 11 सालों से अंगद की तरह पांव जमा कर क्षेत्रीय कार्यालय देवास पर जमे हुए हैं ,अपनी ऊंची पहुंच के चलते एक बार स्थानांतरण आदेश को रद्द करवा चुके हैं, शिकायतकर्ता ने मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल को इस संबंध में जब शिकायत की तो बोर्ड के कर्मचारियों के द्वारा 2 महीने तक आवेदक करता को कोई जवाब नहीं दिया गया उसके पश्चात आवेदक के द्वारा सूचना के अधिकार में जब जानकारी मांगी कि मेरे आवेदन पर आपके विभाग द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की गई है उस से मुझे अवगत कराया जाए, तो विभाग के द्वारा सूचना के अधिकार में जवाब दिया गया कि आगामी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान विचार किया जा सकता है , प्रश्न यह उठता है विचार किस बात का करेंगे जो व्यक्ति 11 सालों से एक ही जगह पर हे उसके लिए इतना विचार क्यों, इससे तो साबित होता है कि दिलीप केसरे जी की ऊंची पहुंच का प्रभाव राजधानी मुख्यालय के कार्यालय पर भी है, इस गंभीर विषय के संबंध में जब आवेदक के द्वारा दूरभाष पर सदस्य सचिव से चर्चा की गई तो उनके द्वारा बचकाना जवाब दिया गया कि मुख्यमंत्री को कितने साल हो गए, इतने गंभीर विषय पर सदस्य सचिव स्तर के अधिकारी के द्वारा इस तरीके के जवाब की उम्मीद नहीं की जा सकती ,इस से ही पता चलता है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड स्थानांतरण नीति को कितनी गंभीरता से लेता है
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्थानांतरण नीति का बनाया मजाक
