देवास नगर पालिका निगम के शिप्रा नदी स्थित डेम का उपयोग निजी संस्था देवास वाटर प्रोजेक्ट के द्वारा किया जा रहा है, जबकि नगर पालिका निगम देवास आर्थिक परेशानियों से गुजर रही है वहीं निजी संस्था के द्वारा बिना कोई शुल्क चुकाये डैम का इस्तेमाल किया जा रहा है नगर पालिक निगम देवास के द्वारा निजी संस्था देवास वाटर प्रोजेक्ट से मासीक या वार्षिक शुल्क निर्धारित कर लेना चाहिए जिससे कि निगम की आय भी बढ़ेगी साथी आर्थिक रूप से परेशान निगम की स्थिति भी सुधरेगी वहीं गंभीर विषय यह है कि शासकीय संस्था नगर निगम देवास को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की तरफ से जो पानी दिया जा रहा है उसका दर 22₹ 60 पैसे प्रति हजार लीटर है वहीं निजी संस्था को दर 10₹ से भी कम में प्रति हजार लीटर देती है। शासकीय संस्था को इतने महंगे दर पर पानी और निजी संस्था को इतने कम दर पर पानी देना समझ से परे है जबकि निगम शहर वासियों को पेयजल व उपयोग में होने वाले पानी की पूर्ति करती है वहीं निजी संस्था देवास वाटर प्रोजेक्ट कम दरों पर पानी लेकर व्यवसायिक उपयोग करती है व औद्योगिक इकाइयों को अधिक दर पर पानी बेचती है वही इस विषय पर जब भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री राजीव खंडेलवाल जी से पूछा गया तो उनके द्वारा कहा गया कि मुझे इस विषय की जानकारी नहीं है कमिश्नर महोदय से चर्चा कर बता पाऊंगा। वही श्री मनोज राजानी जी शहर कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि पहले से ही निगम पर करोड़ों का कर्जा है ऐसे में निजी संस्था के द्वारा निशुल्क क्षिप्रा डैम का उपयोग करना सरासर गलत है। निगम कि आय बढ़ाने हेतु निजी संस्था से शुल्क लेना चाहिए।
निजी संस्था कर रही है नगर पालिका निगम देवास के क्षिप्रा डैम का उपयोग।
