देवास नगर पालिक निगम आयुक्त के द्वारा प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन भोपाल को भेजा गया पत्र अनुसार द्वारा जिस पानी का उपयोग पूर्णत: किया ही नही गया उस पानी का बिल कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग 32 बड़वाह द्वारा नगर पालिका निगम देवास को दिया गया देवास शहर की जल प्रदाय व्यवस्था हेतु नर्मदा -शिप्रा सिंहस्थ लिंक योजना से शिप्रा नदी पर निर्मित डैम में फरवरी 2014 से प्रतिवर्ष ग्रीष्म काल में नर्मदा जल प्रवाहित किया जा रहा है जिसे नगर निगम द्वारा शहर के आम जनता को पेयजल के लिए प्रदान किया जाता है उस समय फरवरी 2014 से मई 2020 तक प्रतिवर्ष ग्रीष्म काल में प्रवाहित नर्मदा जल में से 206.00 MCM का नगर पालीक निगम देवास द्वारा पूर्णता: उपयोगी नहीं किया गया उज्जैनी से देवास शिप्रा बैराज की दूरी तकरीबन 29 से 30 किलोमीटर है वाया नदी वहीं तकरीबन 30 से 40 गांव आते हैं बैराज के अप स्ट्रीम के गांवों में नागरिकों द्वारा डायरेक्ट नदी से एवं छोटे स्टॉप डेम से नर्मदा जल का सिंचाई /पेयजल हेतु उपयोग किया गया है ऐसी परिस्थिति में जब नगर पालिका निगम देवास द्वारा पूर्णत: पानी का उपयोग ही नहीं किया गया ऐसे में सैकड़ों करोड़ों का बिल नगर पालिका निगम देवास को देना न्याय संगत नहीं है पहले से ही आर्थिक स्थिति से जूझ रही निगम इतना भारी भरकम बिल किस स्थिति में जमा करेगी और ना ही निगम के पास आय के नए स्त्रोत है
जिस पानी का पूर्णत: उपयोग किया ही नहीं नगर पालिका निगम देवास ने तो बिल क्यो
