देवास जिस नगर पालिक निगम का वार्षिक जल कर राजस्व ही तकरीबन साढ़े पांच करोड़ से छे करोड़ के अंदर प्राप्त होता है जिस नगर पालिक निगम का वार्षिक जलकर राजस्व इतना कम है वह ऐसी परिस्थिति में नर्मदा विकास संभाग के द्वारा ₹ 483.चार सौ तिरासी करोड़ से अधिक का बिल कैसे जमा कर पाएगी देवास शहर की जल प्रदाय व्यवस्था हेतु नर्मदा क्षिप्रा लिंक योजना एवं विस्तारित उज्जैनी उज्जैन पाइप लाइन योजना से क्षिप्रा बैराज में पानी दिया जाता है उस पानी का दर ₹22..60 पैसे प्रति हजार लीटर है जबकि नगर पालिक निगम देवास द्वारा जो जल प्राप्त किया जाता है जो जल जनता को वितरित किया जाता है वह लागत से आधी (सब्सीडी उपरांत )कीमत से भी कम दर पर दिया जाता है जबकि नगर पालिक निगम देवास एक शासकीय संस्था है उस संस्था को इतने अधिक कीमत पर पानी दिया जा रहा है वही निजी संस्था देवास वाटर प्रोजेक्ट प्रा.ली. को₹ 9.55पैसे प्रति हजार लीटर के हिसाब से दिया जा रहा है यह चिंतन का विषय है इस विषय पर जब तक क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधि पहल कर राज्य शासन से मांग कर इस बिल को माफ नहीं करवाते तब तक नगर पालिक निगम देवास की यह समस्या जस की तस बनी रहेगी।
आर्थिक रूप से कमजोर नगर पालिका निगम देवास कैसे दे पाएगी चार सौ तिरासी करोड़ से अधिक का बिल।
