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श्रम कानूनों में बदलाव का ए.आई.यू.टी.यू.सी. ने मनाया अखिल भारतीय विरोध दिवस

ByLalit Chavhan

Oct 7, 2020

देवास। ऑल इंडिया युनाईटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के राष्ट्रीय आव्हान पर देवास इकाई द्वारा विरोध दिवस मनाते हुए जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिसके पूर्व सयाजी गेट के सामने संगठन के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लगातार श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी बदलाव किए जा रहे हैं। चार श्रम संहिताओं को 44 श्रम कानूनों के स्थान पर लागू किया गया है जिसमें न केवल न्यूनतम वेतन को घटा कर घंंटे के आधार पर हाजरी का भुगतान करने का प्रावधान है बल्कि फिक्स टर्म एम्पलायमेंट स्कीम द्वारा स्थाई नोकरियों के स्थान पर अस्थाई कर्मचारी के द्वारा पी.एफ., ईएसआई व निश्चित वेतन से बचने के रास्ते कंपनियों के हाथ में दिए गए। श्रमिक पहले के ही कानूनों का पालन नहीं होने के चलते शोषण का शिकार हो रहे थे। सरकार ने कंपनियों के सभी अवैध हथकंडों को कानूनी जामा पहना दिया। जिला सचिव सुनीलसिंह राजपूत ने कहा कि ऐतिहासिक लड़ाई के द्वारा मजदूरों ने हड़ताल व यूनियन का अधिकार हासिल किया था जिसे छीना जा रहा है इसके विरोध में आंदोलन की जरूरत है। यूूनियन के उपाध्यक्ष अनोखीलाल परमार ने कहा कि सरकार केवल बड़े बड़े उद्योगपतियों के लिए ही फायदे की नीति बनाती है। भारत में मजदूरों को केवल काम करने के लिए जीवित रखने का सिद्धांत लागू किया गया है। इसलिए श्रमिकों की सुविधा, जीवन का स्तर सरकार के चिंता के विषय में नहीं हैं। उन्हें केवल अमीरों को मुनाफा पहुंचाने का ही कार्य आवश्यक लगता है। विरोध प्रदर्शन को सुरेश चौधरी, ओमप्रकाश अहिरवार ने भी सम्बोधित किया।