देवास 06 नवंबर 2024/संभागायुक्त श्री संजय गुप्ता ने निर्देश दिए हैं कि देवास और उज्जैन जिले के क्षिप्रा किनारे स्थित गांवों में शून्य सीवर डिस्चार्ज का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जाए। चेम्बर बनाकर सीवर का पानी उपचार के बाद पौधा रोपण के कार्य में उपयोग में लिया जाए। क्षिप्रा नदी में ड्रेनेज वाटर न मिले इसके लिए मनरेगा मद से भी कार्य करें। संभागायुक्त ने समस्त सी.ई.ओ. जिला पंचायत को यह भी निर्देश दिए कि ग्रमीण क्षेत्रों में स्थित प्रमुख तालाबों में भी सीवर लाईन का पानी न मिले यह भी सुनिश्चित किया जाए। संभागायुक्त श्री गुप्ता बुधवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
अगर मां शिप्रा को प्रदूषण से बचाना है तो नदी के आसपास नई विकसित होती आवासीय कालोनियों में नियमों का हो पालन।
देवास। नगर में जनसंख्या वृद्धि के साथ तेजी से नई-नई आवासीय कालोनियां विकसित होती जा रही है। वही देवास से इंदौर की तरफ मार्ग पर भी शिप्रा नदी के नजदीक नई कालोनियां विकसित हुई है साथी शिप्रा नदी की सहायक नदी एवं नालों के आसपास तेजी से नई कॉलोनीया विकसित हो रही है जिससे कि पानी की मांग बड़ी है। पानी की मांग बढ़ने के साथ में जलीय प्रदूषण भी बढ़ रहा है। इसीलिए शायद नई आवासीय कॉलोनी को अनुमति देने वाले विभाग उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश के नियमों में भी स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि जो भी नई कॉलोनी विकसित होगी उस कॉलोनी से उत्पन्न होने वाले ठोस अपशिष्ट का प्रबंध पर्यावरणीय दृष्टि से स्थानीय संस्था के मार्गदर्शन पर (STP) हेतु स्थान सुरक्षित करना होगा। जिसका प्रबंधन कॉलोनाइजर द्वारा स्वयं करना होगा। कॉलोनाइजर को अपना खुद का (STP) सिवरेज वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट डालना आवश्यक होगा। वही कॉलोनाइजर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी अनुमति लेना आवश्यक है। अब यह तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जांच करें कि उनके विभाग से कितने कॉलोनाइजरों के द्वारा अनुमति ली गई है। एवं कितनी कॉलोनी में (STP) स्थापित किए गए हैं। जबकि नगर पालीक निगम के द्वारा ही अभी घरेलू दूषित पानी को उपचारित किया जा रहा है। निगम के द्वारा तीन स्थानों पर (STP) स्थापित किए गए हैं जिसमें सर्वोदय नगर का 22 एमएलडी का मेंढकी नंदानगर 14 एमएलडी का वहीं बिलावली में 12 एमएलडी का है।