देवास। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सेल कि बैठक निगम आयुक्त श्री रजनीश कसेरा एवं अपर कलेक्टर श्री प्रवीण फुलपगारे की उपस्थित में शुक्रवार 30 अगस्त को निगम बैठक हाल मे संपन्न हुई। बैठक के अंतर्गत शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से शहर का मैक्रो एक्शन प्लान तैयार किया गया था जिसके अंतर्गत विभिन्न गतिवितियो का आयोजन किया जाना है। जिससे शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स को सुधारा जा सके। आयोजित बैठक मे मेक्रो एकशन प्लांन के तहत एयर क्वालिटी इंडेक्स को सुधारे जाने हेतु बैठक मे आरटीओ विभाग, खाद्य विभाग, यातायात विभाग, प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक ईकाईयां, विकास प्राधिकरण तथा स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारयों के साथ निगम उपायुक्त श्री देवबाला पिपलोनिया एवं स्वच्छ भारत मिशन से नोडल श्री सौरभ त्रिपाठी, स्वच्छ भारत मिशन कन्सलटेंट श्री विश्वजीतसिह, श्री विशाल जोशी, श्री अरूण तोमर के साथ आयुक्त ने एयर क्वालीटी इंडेक्स को सुधारे जाने हेतु विभिन्न गतिविधियों एवं प्लान को लेकर चर्चा कर दिशा निर्देश दिये। आयुक्त ने चर्चा के दौरान बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया गया की शहरी सीमा में संचालित हो रहे ईंट भट्टो का सर्वे करें एवं उन्हें निगम सीमा क्षेत्र से बाहर विस्थापित करें।
ऐसे उद्योग जहा बॉल्यर का उपयोग हो रहा है उन्हे ग्रीन फ्यूल में परिवर्तन करवाने की कार्यवाही करें
एवं परिवहन विभाग के साथ मिलकर शहर के सभी शासकीय कार्यालयों के वाहनों की पी.यु.सी. चेकिंग करवाए।
क्षेत्रीय परिवहन विभाग द्वारा 15 सौ ऐसे वाहनों को चिन्हित किया गया है जिनकी अवधि 15 वर्ष से अधिक हो चुकी है, उसमे से 2 सौ वाहनों को पुनः रजिस्ट्रेशन हेतु स्वीकृति दी जा चुकी है शेष वाहनों पर कार्यवाही की जा रही है।
शहर के किसी भी एक स्थान को नो पार्किंग जोन बनाने हेतु यातायात को निर्देश दिए गए।
शहर में संचालित हो रही बेकरिया,होटल,ढाबा, रेस्टोरेंट जहा ईंधन के रूप में लकड़ी अथवा कोयले का उपयोग हो रहा उन सभी पर कार्यवाही करने के निर्देश नगर निगम एवं खाद्य विभाग को दिए गए।
देवास औद्योगिक क्षेत्र में 59 से अधिक औद्योगिक इकाइयां बायलर का उपयोग कर रही है।
देवास औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े, मझले, एवं छोटे औद्योगिक इकाइयां कार्यरत है जिसमें बड़े मझले एवं छोटे इकाइयों को मिलाकर 59 से अधिक इकाइयां बायलरो का उपयोग कर रही है जिसमें से तकरीबन 5 से 6 इकाइयां कोयले का उपयोग कर रही है वहीं कई इकाइयां फर्निश तेल, लकड़ी, भूसे की ब्रिक्स का उपयोग कर रही है।
अभी इतनी इकाइयां कर रही है नेचुरल गैस का उपयोग।
औद्योगिक क्षेत्र क्रमांक 1, 2, 3, एवं उज्जैन रोड औद्योगिक क्षेत्रों में तकरीबन 30 औद्योगिक इकाइयां हैं जो की नेचरल गैस का उपयोग कर रही है।
औद्योगिक इकाइयों के द्वारा स्वयं विवेक से निर्णय लेकर ग्रीन फ्यूल का उपयोग करना चाहिए।
नगर में स्थापित औद्योगिक इकाइयों के संचालकों के द्वारा स्वयं विवेक से निर्णय लेकर नगर हित में अपनी औद्योगिक इकाइयां जो बायलरो का लोगों उपयोग कर रही है उन इकाइयों ने नेचुरल गैस का उपयोग करना चाहिए जिससे कि शहर के वायु की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
नॉन अटेन्मेट की सूची में शामिल है देवास।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने देवास शहर को नान अटेन्मेट
(non attainment cities) शहरों की सूची में शामिल किया है। इसकी वजह से जिला प्रशासन, निगम प्रशासन, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देवास औद्योगिक इकाइयों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। साथ ही नगर के आम लोगों का भी दायित्व हो जाता है कि हम सबको प्रशासन के संबंधित विभागों के साथ मिलकर नगर में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे कि वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।