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आम नागरिक ऐसी अनाधिकृत कॉलोनी में किसी भी प्रकार का कोई भूखण्ड क्रय/करार नहीं करे। आयुक्त D.M.C

ByLalit Chavhan

Aug 30, 2024

देवास।  केलेक्टर एवं निगम की  टी.एल. के पत्रों को लेकर उनके निराकरण एवं कार्यवाही हेतु गत दिनों आहूत बैठक मे निगम आयुक्त श्री रजनीश कसेरा ने ऐसे कलोनाईजर जिनके द्वारा निगम सीमा क्षेत्र मे अवैधानिक रूप से अनाधिकृत कॉलोनी काटी जा रही है। ऐसे कालोनाईजरों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। निगम अधिकारियों द्वारा ऐसे कॉलोनाईजरों के विरुद्ध निगम द्वारा कार्यवाही प्रारंभ की गई है। विशेषकर ये अनाधिकृत कॉलोनियां शहर के अमोना, देवास सीनियर, बिलावली, ब्राह्मण खेड़ा, पालनगर, बिंजाना, बावड़िया, कालूखेड़ी, नौसराबाद, इटावा, जेतपुरा में काटी गई जिनके विरुद्ध संबंधित अनाधिकृत कॉलोनियों के कॉलोनाईजरों को निगम द्वारा म.प्र. कॉलोनी विकास नियम 2021 के अन्तर्गत सूचना पत्र जारी कर संबंधितों के विरुद्ध संबंधित थानों में एफ.आई.आर.दर्ज करने हेतु पत्र लिखे गये हैं। आयुक्त ने अपील की है कि आम नागरिक ऐसी अनाधिकृत कॉलोनी में किसी भी प्रकार का कोई भूखण्ड क्रय/करार नहीं करे तथा ऐसी अनाधिकृत कॉलोनी की जानकारी नगर निगम के कॉलोनी सेल विभाग से नागरिक प्राप्त कर सकते हैं।उक्त अनाधिकृत कॉलोनीयो में कुछ ग्रीन बेल्ट की भूमि पर भी स्थापित की गई है। ऐसे स्थानों पर किये गये निर्माण/विकास कार्यों को नगर निगम द्वारा त्वरित हटाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में नगर निगम देवास द्वारा ऐसी 30 अनाधिकृत कॉलोनी चिन्हित कर कार्यवाही की गई है जो कि अधिकांश अमोना, देवास सीनियर, बिलावली, ब्राह्मण खेड़ा, पालनगर, बिंजाना, बावड़िया, कालूखेड़ी, नौसराबाद, इटावा, जेतपुरा क्षेत्र में स्थित है। उक्त कॉलोनी के अतिरिक्त ऐसी ओर कई अनाधिकृत कॉलोनी जो विकसित की जा रही है के विरुद्ध संबंधित उपयंत्रियों को शीघ्र सर्वे/कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया गया है।

निगम कार्यालय के मुख्य द्वार पर निगम प्रशासन ने अनाधिकृत कॉलोनी की सूची की चस्पा

देवास नगर पालिक निगम द्वारा अनाधिकृत कॉलोनीयो की सूची निगम कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर चस्पा की गई जिसमें 30 अनाधिकृत कालोनियां है।

जब भी नगर का कोई आम आदमी अपने सपनों का घर बनाने के लिए भूखण्ड क्रय करें तो इन बातों का रखें ध्यान।

जब भी कोई नई कॉलोनी विकसित होती है तो उस कॉलोनाइजर / विकास करता को (TNC) ग्राम तथा निवेश विभाग से अनुमति प्राप्त करना होती है,(एवं अन्य विभागों से भी सहमति/अनुमति लेना आवश्यक होती है) ग्राम तथा निवेश जब किसी नई कॉलोनी के विकास हेतु अनुमति देता है तो (TNC) से स्वीकृत मानचित्र में स्पष्ट रुप से (शासन आवेदक कॉलोनाइजर को अनुमोदित अभिन्यास की एक सत्यापित प्रति मय आदेश के स्थल पर विकास कार्य के दौरान रखना आवश्यक होगा साथी स्थल पर अभिन्यास अनुमोदन संबंधित जानकारी बोर्ड पर अंकित करना अनिवार्य होगा) जब भी कोई आम नागरिक किसी भी नई विकसित हो रही या विकसित हो चुकी है कॉलोनी में भूखण्ड क्रय करें तो कॉलोनाइजर से ग्राम तथा निवेश से स्वीकृत मानचित्र की छाया प्रति मांगना चाहिए और पूर्ण जांच पड़ताल के पश्चात ही भूखण्ड खरीदना चाहिए। 

कई कॉलोनाइजर या विकास करता (TNC) से स्वीकृत मानचित्र की छाया प्रति भूखण्ड क्रेताओं को दिखते ही नहीं है।

अमूमन देखने में यह आता है कि कुछ कॉलोनाइजर या विकास करता (TNC) से स्वीकृत मानचित्र को आम भूखंड क्रेताओं के अवलोकन हेतु वहां पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ही नहीं करता है कॉलोनाईजर के वास्तुविद/इंजीनियर स्वयं के द्वारा निर्मित मानचित्र को ही अपने कार्यालय पर दर्शाता है जिसकी वजह से आम भूखंड केत्ताओं को मालूम ही नहीं पढ़ पाता है कि कॉलोनी वेद है कि अवैध।