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नगर में अगर जलप्रदाय व्यवस्था नहीं सुधरी तो संबंधित फर्म को किया जाएगा ब्लैकलिस्टेड। सभापति।

ByLalit Chavhan

Aug 10, 2024

देवास/ 9 अगस्त शुक्रवार को नगर निगम परिषद का साधारण सम्मेलन सभापति रवि जैन की अध्यक्षता मे तथा महापौर श्रीमती गीता अग्रवाल, विधायक प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, सांसद प्रतिनिधि राजेश यादव, आयुक्त रजनीश कसेरा की विशेष उपस्थिती मे सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम से सभापति श्री जैन ने सम्मिलन का शुभारंभ किया। इसके पश्चात सभापति के निर्देश पर परिषद सम्म्लिन प्रारंभ हुआ। प्रारभ मे 18 विषय परिषद सम्म्लिन मे चर्चा एवं विचारार्थ रखे गये। सभापति रवि जैन के निर्देशानुसार सचिव उपायुक्त देवबाला पिपलोनिया ने क्रमश: विषयों को परिषद सदस्यों के समक्ष वाचन किया। वाचन के दौरान क्रमाश: विषयों पर विस्तृत जानकारी संबंधित विभाग प्रमुखो द्वारा दी गई। रखे गये।

जल प्रदाय संबंधि कार्य समय पर नही करने तथा मेंटेनेंस कार्य भी समय पर नही किया जाता है। नेता सत्तापक्ष।

 सदन मे नेता सत्तापक्ष श्री मनीष सेन ने कहा कि विगत वर्ष मे जलप्रदाय संबंधि व्यवस्था निजी ठेकेदार (आयएचपी) को दी गई थी जिसके द्वारा जल प्रदाय संबंधि कार्य समय पर नही करने तथा मेंटेनेंस कार्य भी समय पर नही किया जाता है ना ही समय पर जल वितरण किया जाता है। इस पर श्री सेन द्वारा कार्यो की मानिटरिंग करने हेतु सभापति से चर्चा की। सभापति श्री जैन से श्री सेन, गणेश पटेल, एनयुएलएम विभाग समिती अध्यक्ष शीतल गेहलोत, पार्षद राहूल दायमा के द्वारा सामुहिक रूप से ठोस कार्यवाही करने की बात पर सभापति ने आयुक्त को निर्देशित करते हुए कहा कि आयएचपी के द्वारा किये जाने वाले कार्यो के लिए परिषद के सभी दलों के सदस्यों मे से 4 सदस्यों व 2 निगम अधिकारी के साथ समिती गठित करें। आयएचपी के द्वारा किये जाने वाले कार्यो की मानिटरिंग तथा उनके कार्यो की जांच, गठित समिती द्वारा की जावेगी। कार्यो के सुधार के लिए आयएचपी को 45 दिवस का समय सभापति द्वारा दिया गया। गठित समिती आयएचपी के कार्यो की जांच रिपोर्ट महापौर, सभापति तथा आयुक्त को देगी। संतोष पूर्ण जवाब प्राप्त नही होने पर आयएचपी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।

परिषद की पिछली बैठक में वार्ड क्रमांक 3 की पार्षद श्रीमती बिंदेश्वरी राज वर्मा के द्वारा जल वितरण प्रणाली से संबंधित प्रश्न पूछा गया था। जिसका जवाब अभी तक उन्हें प्राप्त नहीं हुआ।

परिषद की पिछली बैठक में पार्षद श्रीमती बिंदेश्वरी राज वर्मा के द्वारा परिषद में प्रश्न पूछा  गया था कि निगम की जल वितरण प्रणाली निजी हाथों में देने से निगम को कितना लाभ हुआ है या नुकसान इसका जवाब दिया जाए जो की अभी तक उन्हें जवाब नहीं मिला इस हेतु उनके द्वारा निगम में सूचना के अधिकार में जानकारी प्राप्त करने हेतु आवेदन किया उसके बावजूद संबंधित विभाग ने सही जवाब ना देते हुए घुमा फिरा के उन्हें पत्र थमा दिया उनके द्वारा मांगी गई जानकारी उन्हें नहीं दी गई।

आखिर संबंधित विभाग निगम एवं नगर हित से जुड़े कार्यों की जानकारी वार्ड के प्रथम नागरिक से क्यों छुपाना चाहते हैं।

नगर सरकार के जनप्रतिनिधियों को नगर के मतदाताओं के द्वारा इसलिए चुना जाता है कि वह निगम एवं नगर हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करें इसके लिए उन्हें संबंधित विभागों के द्वारा जिन परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उक्त संबंध में संबंधित विभाग एवं ठेकेदार (कॉन्टैक्टर)के बीच हुए अनुबंध की जानकारी अगर कोई नगर सरकार का जनप्रतिनिधि मांगता है तो विभाग ने देना चाहिए क्योंकि जो परियोजनाएं चल रही है, या चलाई जा रही है। वह नगर के आम लोगों की सुविधा  हेतु ही चलाई जाती है। और सार्वजनिक हितों के लिए ही कार्य किए जा रहे कार्यों से संबंधित जानकारी नगर सरकार के जनप्रतिनिधियों को देने में निगम प्रशासन के संबंधित विभाग को कोई कठिनाई नहीं होना चाहिए।